शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेंस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री को स्थगन प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए बुलाते ही कांग्रेस ने विपक्षी विधायकों को बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। नारेबाजी के बीच ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना जवाब देना शुरू किया। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य रोक के बावजूद वेल में आकर बैठ गए। मुख्यमंत्री ने करीब डेढ़ घंटा विपक्ष की नारेबाजी के बीच अपना जवाब दिया। मुख्यमंत्री का जवाब समाप्त होते ही कांग्रेस विधायक सदन से उठकर बाहर चले गए। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंगलवार को सदन की बैठक को मंत्री के लिए बढ़ा दिया गया, जबकि सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए समय नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि जो इस प्रस्ताव को लेकर आए, उन्हें बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री बोले कि विपक्ष का रवैया हैरान करने वाला है। उन्हें मंगलवार को दोपहर तीन बजे जवाब देना था लेकिन विपक्ष की मांग पर बुधवार सुबह के लिए उन्होंने उसे टाल दिया। मुख्यमंत्री बोले कि कोरोना संकट पर स्वास्थ्य मंत्री नहीं बोलेंगे तो कौन बोलेंगे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सदन से विपक्ष के सदस्य बाहर चले गए। बाहर जाकर इसे वाकआउट बताया गया जबकि भीतर तो वाकआउट दर्ज भी नहीं हैं। मुख्यमंत्री बोले कि मंगलवार को आपकी तो गैर हाजिरी लगी, इसलिए बोलने का अवसर नहीं मिला। इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही विधानसभा अध्यक्ष को हर बात डिक्टेट करवा रहे हैं। नियम 67 में चर्चा होनी है कि नहीं, यह मुख्यमंत्री तय करते हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार बोले कि मुकेश अग्निहोत्री उंगली कर उन्हें डिक्टेट करवाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा। सदन में नारेबाजी चली तो इस स्पीकर विपिन सिंह परमार बोले कि जोर से नारे न लगाएं। इससे कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। वह पहले भी विधानसभा के सदस्यों से आग्रह कर चुके हैं। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को जवाब देने के लिए दोबारा आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने करीब डेढ़ घंटा अपना जवाब दिया। इस दौरान कांग्रेस के विधायक वेल में नीचे बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस ने धक्काशाही नहीं चलेगी, तानाशाही नहीं चलेगी। चर्चा का प्रबंध करो, लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारे लगाए।