चंडीगढ़,(विजेंद्र दत्त गौतम): न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष विवेक हंस गरचा ने लाक डाउन और कर्फ्यू में राशन से वंचित लोगों की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत समूचे केंद्र प्रबंधन को आड़े हाथों लिया है। गरचा ने शायराना अंदाज में केंद्र की मोदी सरकार पर शायराना तंज कसे हैं। राशन आपूर्ती प्रबंधन में कोताही के परिणामस्वरूप मौलीजागरां में राशन आवंटन की घोषणा सुन सड़कों पर आई हजारों लोग सडकों पर उतर आए।

-आप तो महलों में बैठे हैं, यहां देश की जनता भूखी है….
लोगों की भीड़ देख विवेक हंस गरचा ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि आप तो महलों में बैठे हैं, यहां देश की जनता भूखी मर रही है। देश की जनता हमारी प्रजा है और प्रजा भूखी न रहे ये एक राजा का कर्तव्य होता है। लेकिन अफ़सोस सुनिए देश के प्रधानमंत्री, सुनिए, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक साहब, सुनिए जरा गौर से सुनिए । भूखों का निवाला , गरीब की थाली का अन्न लूट रहे हैं आपके अधिकारी पदाधिकारी। बिकते हैं नेता, बिक चुके हैं पत्रकार,, हम नही कह रहे है आपका जन प्रणाली वितरण कह रहा है।

-शहर की बस्तियों में खाने के लिये निवाला भी नहीं….
गरचा ने कहा कि समाज सेवकों की पोशाक पहने बहरूपिये, बिके हुए समाचार पत्रों में अपनी फोटो खिचवाने की आड़ में ग़रीब को निवाला देकर जलील करने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ताधारी पार्टीयों द्वारा ख़रीदे गये पत्रकार विश्वभर में कोरोना जैसे वायरस के प्रकोप में भी जब देश की जनता घरों में बंद है कांग्रेस व भाजपा जैसी राजनितिक पार्टीयों की रोटियां सेकने व उनका डंका बजाने में व्यस्त है व बिकाऊ पत्रकार सत्ताधारी पार्टीयों के अहसान तले इतना दब चुके हैं कि उनको शहर में कांग्रेस व भाजपा के इलावा कोई अन्य राजनितिक दल या समाज सेवी संगठन दिखाई नहीं देता। विवेक हंस गरचा ने कहा कि चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश होते हुए भी मौलीजागरां में राशन आवंटन के लिये भूखी जनता की भीड़ देख आंखों से आंसू आ गये, भीड़ ने कांग्रेस व भाजपा के पूँजीपति, थके हुए व चले हुए कारतूस नेताओं की अखबारी बातों को आज नंगा कर दिया। हर आये दिन सत्ताधारी पार्टीयों द्वारा किये गये दावे खोखले साबित हुए हैं। रोज़ाना हज़ारों परिवारों को राशन देने की घोषणायें कहाँ गईं ? शहर की बस्तियों में खाने के लिये निवाला भी नहीं है। राशन आवंटन में भी राजनीती चल रही है भाजपा अपने ग़रीब कार्यकर्ताओं व संघ के लोगों को सरकारी राशन मुहयिया करवा रही है व कांग्रेस अपने।
उन्होंने कहा कि ये दोगली राजनीती से साबित होता है कि ये सब एक ही थाली के चट्टे – बट्टे हैं। इनकी नीतियाँ गरीबी नहीं ग़रीब हटाओ की हैं। क्योंकि राशन आवंटन के साथ – साथ चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है खाने के निवालों पर राजनितिक दल अपने चुनाव चिन्ह वाले लीफ लेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

-सालों से, वो ही मुद्दे हैं, रोटी, कपड़ा और मकान….
विवेक हंस गरचा ने कहा आज़ाद भारत की “यह आजादी झूठी है, इस देश की जनता भूखी है।” “अरे गरीबों आज जो आज़ादी मिली है उस से वो पूँजीपति आज़ाद हुए हैं, हम नहीं ।”
“हम तो तब भी गुलाम थे, आज भी ग़ुलाम ही है, भूखे कंगाल है।”
झूठी आज़ादी का जशन मनाना छोड़ दो।
पूँजीपतियों से दान के निवाले लेकर, अपना मज़ाक उड़वाना छोड़ दो।
विवेक हंस गरचा ने कहा कि आज़ादी के 73 साल बाद भी
तालीम आज भी अपना अस्तित्व खोजती है। | यहां, फिर भी हर रोज इम्तिहान कितने हैं सालों से, वो ही मुद्दे हैं, रोटी, कपड़ा और मकान,||
हालातों से वाकिफ़ होते हुए भी यहाँ के लोग अंजान कितने हैं,
हर बार वही होता है फिर भी उन बईमान, झूठे, लुटेरे, मंदबुद्धि, भ्रष्टाचारी, पूँजीपति, सफ़ेद पोशाक वालों की बातों में आ जाते हैं,
यहाँ के इंसान आसान कितने हैं, सब कुछ भगवान भरोसे है। यहाँ देश,आदमी और सरकार।
ऊपर वाले के हम पर एहसान कितने हैं,। |
ऐसे हालातों में भी आदमी जी रहा है जीवन यापन कर रहा है इस देश में रहने वाले महान कितने हैं।
ग़रीब को तो बच्चों की पढ़ाई मार गई,
बेटी की शादी और सगाई मार गई,
किसी को तो रोटी की कमाई मार गई,
कपड़े की किसी को सिलाई मार गई,
किसी को मकान की बनवाई मार गई,
जो सच बोला उसको सच्चाई मार गई,
बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई।
” सरकारी बाबू जैसे तेवर हैं, उस मेहबूबा के
निवाला मांगते हैं तो कहते हैं कल आना ”
नहीं मिल रहा हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल करके गरीबों को खाना

-ये कैसा लॉकडॉन है ??
ऐसे हालातों से निपटने के लिये विवेक हंस गरचा ने न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बैनर पर चंडीगढ़ प्रशासक से मांग की कि कोरोना के बढ़ रहे मरीजों की संख्या को मद्देनज़र रखते हुए समाज सेवकों व सफ़ेद पोशाक वाले समाज सेवकों पर रोक लगाई जाये व बचे हुए दिन सख़्ती से पेश आना जरूरी है ताकि बढ़ रहे कोरोना वायरस पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के नाम पर सैंकड़ों की तादाद में लोग सड़कों पर घूम रहे हैं ये कैसा लॉकडॉन है ??.