New Delhi,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल ने बॉर्डर पर सेना तैनात करते हुए होल्डिंग कैंप की स्थापना की है। सेना प्रवासी नेपालियों के स्वास्थ्य की जांच करते हुए उन्हें कैंप में ठहराएगी। भारत से सटे नेपाल के सीमावर्ती जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए नेपाल सरकार ने सीमा क्षेत्र में सेना तैनात करने का निर्णय लिया था। इसी के तहत कपिलवस्तु जिले के कृष्णानगर (बढ़नी) व मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर प्रवासी मजदूरों के लिए होल्डिंग कैंप की स्थापना की गई है। यह कैंप कृष्णानगर नगर पालिका के सेमरा स्थित उद्योग वाणिज्य संघ, यशोधरा गांव पालिका, मर्यादपुर (खुनुवा) के सुठौली स्थित पशुपति शिक्षा मन्दिर में बनाया गया है।

कृष्णानगर (बढ़नी) सीमा पर नेपाली सेना के मेजर के नेतृत्व में 50 तथा मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर 20 सैनिकों की तैनाती की गई है। नो मेंस लैंड व नेपाल प्रवेश के मुख्य गेट पर सेना हेल्थ डेस्क बनाकर भारत से नेपाल जाने वाले नेपालियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर होल्डिंग कैंप में ठहरा रही है। इसके साथ ही भारत से जाने वाले लोगों का यात्रा विवरण सहित उनका नाम-पता एकत्र किया जाएगा।

– चाइनीज टेंट से बनाया होल्डिंग कैंप

नेपाली सेना ने कृष्णानगर व मर्यादपुर सीमा पर प्रवासी मजदूरों को रोकने के नाम पर जो होल्डिंग कैम्प बनाया है, वह चाइनीज टेंट से बना है। उस पर चीनी भाषा लिखी हुई है। इसे लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में संशय का माहौल बना हुआ है। सीमा पर सेना परिचालन व होल्डिंग कैम्प बनाने की पहल को लोग भारत-नेपाल के बीच उठे सीमा विवाद के रूप में देख रहे हैं।

रजत प्रताप शाह, मेयर, कृष्णानगर नगरपालिका कहते हैं कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए यह निर्णय देर में लिया है। एक माह से रोजाना हजारों की संख्या में नेपाली वापस आ रहे थे। इसकी जरूरत तब थी। फिलहाल दर्जनों नेपालियों को होल्डिंग कैंप में रखा गया है। इनके खाने-पीने की व्यवस्था नगरपालिका की ओर से की जा रही हैं। दीर्घ नारायण पौडेल, सीडीओ, कपिलवस्तु का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बॉर्डर पर आर्मी परिचालित की गई है, जो स्थिति को संभालने, कम्युनिटी संक्रमण से बचने, होल्डिंग सेंटर में कार्य करेगी।