नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र और राज्य सरकारों को दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के अन्दर उनके घर पहुंचाने का निर्देश दिया।प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लिये गये मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया।आज इस मामले में याचिका की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा मजदूरों को उनके पैतृक स्थान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि इन कामगारों को उनके पैतृक स्थान पहुंचाने के लिये तीन जून तक 4200 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चलाई गयीं।

सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि हम राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। राज्य सरकारें ही बता सकती हैं कि कितने प्रवासियों को अभी घर पहुंचाया जाना है और कितनी ट्रेनों की आवश्यकता होगी?इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को 15 दिन का समय देते हैं, जिनमें वे उन प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम करें जो घर जाना चाहते हैं।”इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि, “सभी सरकारें ये भी बताएं कि वे प्रवासी मजदूरों के लौटने पर उनके रोजगार और अन्य सुविधाओं के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।”