मेरठ से गौरव कुमार की रिपोर्ट
लॉकडाउन में लगातार प्राइवेट स्कूल बंद है अभी भी प्राइवेट स्कूल बंद है और बहुत सारे कंप्यूटर इंस्टिट्यूट भी बंद है ऐसे में प्राइवेट स्कूलों के संचालक के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है स्कूलों में फीस जमा नहीं हो पा रही है स्कूल बंद होने के कारण और कर्ज में डूबने के चलते मेरठ के एक प्राइवेट स्कूल संचालक ने जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की। गनीमत रही कि समय रहते स्कूल संचालक को अस्पताल में भर्ती कराया और उसकी जान बच गई वरना उनकी जान भी जा सकती थी। स्कूल संचालक का नाम सलीम है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन लगने के बाद से पिछले करीब 5 महीने से स्कूल बंद था। जिसके चलते आमदनी पूरी तरह ठप हो गई थी। सलीम ने किसी परिचित से डेढ़ लाख रुपया उधार लिया था, लेकिन कमाई बंद होने के चलते वे कर्ज नहीं उतार पा रहे थे। रोज रोज के तकाज़े से परेशान आकर आज शाम सलीम ने जहरीला पदार्थ खा लिया। सलीम के जहर खाते ही उनकी हालत बिगड़ गई और परिजन उनको लेकर अस्पताल भागे। समय रहते डॉक्टरों ने स्कूल संचालक को बचा लिया। इस समय उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।स्कूल संचालक के परिजनों ने बताया कि वो काफी दिन से मानसिक अवसाद से गुजर रहे थे। वहीं उनके ऊपर उधारी उतारने का भी दबाव बनाया जा रहा था। हालांकि उन्होंने उधार का तकाजा करने वालों से कहा कि अब लॉक डाउन खुल गया है और जल्द ही पैसा वापस कर देगें। लेकिन वो लोग रोज फोन कर दबाव बनाने लगे थे। जिससे परेशान होकर उन्होंने जहर खा लिया। स्कूल संचालक के जहर खाने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से मामले की जानकारी की। खबर लिखे जाने तक स्कूल संचालक से पुलिस अभी पूछताछ नहीं कर सकी है वो अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है।