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लखनऊ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के 10वें दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में जो चाहते हैं उसके लिए प्रयास करें। राष्ट्रपति ने कहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसकी वजह से आज मैं यहां हूं। उन्‍होंने कहा श‍िक्षा प्राप्‍त करने के बाद कुछ प्राइवेट नौकरी करेंगे और सरकारी नौकरी करेंगे। कुछ उद्यमशीलता के क्षेत्र में जाना चाहते हैं।

मेरी अपील है कि कुछ विद्यार्थी अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर भी बने। नई शिक्षा नीति में इस बात का उल्लेख है कि शिक्षकों को सुधार के मुख्य केंद्र बिंदु में होना चाहिए। टीचिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें नई पीढ़ी के भविष्य को मजबूत करने की जिम्मेदारी है। शिक्षा संस्कार और संस्कृत से जुड़ी रहे। इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए।

लखनऊ में कल मैं ग्लोबल समिट में शामिल हुई। यह देश और प्रदेश में नई ऊर्जा का संदेश दे रहा है। मैं अपील कर रही हूं कि एक अनुकूल वातावरण जो बना है उसमें शिक्षा जगत भी जुड़े। जन कल्याण के लिए अनुसंधान किए जाएं। मुझे यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। विश्वविद्यालय में 42 फीसद छात्राओं ने डिग्री हासिल की है जबकि 60 फीसद छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्‍त क‍िए हैं। सभी को बधाई। बेटियों की खासकर।

देश में इस समय अमृत वर्ष चल रहा है। हमें जिस क्षेत्र में भी जिम्मेदारी मिले उत्कृष्टता से काम करना चाहिए। चुनौती को अवसर की तरह लेना चाहिए यह आपकी प्रतिभा को निखारता है। मैथिलीशरण गुप्त की कविता नई विघ्न बाधाओं को हम स्वयं बुलाने जाते हैं यदि वह आ जाए तो कभी नहीं घबराते हैं।