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देहरादून उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से बुधवार को शहीद स्मारक पर राज्य में में महिलाओं के 30 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगाने, भर्ती घोटाले और विधानसभा में बेकडोर भर्ती को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में 11 सितंबर को सरकार को चेताने के लिए गांधी पार्क पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया। पदाधिकारियों ने भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच करने की मांग उठाई।
पदाधिकारियों ने कहा कि इस मुहीम में युवाओं को भी जोड़ा जाएगा। संयुक्त नागरिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल ने कहा कि हमने पृथक राज्य की लड़ाई इसलिए लड़ी थी कि सभी को रोजगार मिलेगा और प्रदेश अपने जल जंगल जमीन के संरक्षण करेंगे। लेकिन आज प्रदेश में पिछले 22 वर्षो में लगातार प्रत्येक भर्ती में घोटाले ही घोटाले हुए। द्वारिका बिष्ट और पुष्पलता सिलमाना ने कहा कि ना ही प्रदेश को स्थाई राजधानी मिली और ना ही राज्य आंदोलनकारियों के दोषियों को सजा मिली। हमारे नेताओं ने उल्टा महिलाओं का आरक्षण खत्म किया और भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया। प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सरकार तत्काल महिलाओं का आरक्षण बहाल करे और भर्ती घोटालों की सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में सीबीआई जांच कराए साथ ही कहा कि राज्य को बचाने के लिए पुनरू लड़ाई लड़ी जाएगी। बैठक के बाद राज्य आंदोलनकारी सीधे विधान सभा रवाना हुए और विधान सभा के मुख्य द्वार पर दो चक्कर लगाते हुए बेकडोर से भर्ती करना बंद करो के नारे लगाए। युवा छात्र मोहन भंडारी और आशीष नोटियाल, आरती राणा ने कहा कि युवा अपने अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे। इस दौरान सुशील त्यागी, उर्मिला शर्मा, विक्रम भंडारी, जयदीप सकलानी, महेन्द्र रावत, रूकम पोखरियाल, सुरेश नेगी, आरती राणा, रामपाल, गणेश धामी, हिर्देश शाही, युद्धवीर सिंह चैहान आदि मौजूद थे।