शिमला:मण्डी में लैंडस्लाइड माॅनिटरिंग सिस्टम के विकास के लिए मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के मध्य समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सांसद श्री रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान में आईआईटी मंडी का अपना एक विशेष नाम है जो गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों के कारण ही 603 लंबित परियोजनाओं को वन मंजूरी प्राप्त हुई है जिससे विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। विधायक श्री जवाहर ठाकुर ने कहा कि इस संस्थान ने क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं तलाशी है तथा क्षेत्र को राष्ट्रीय मानचित्र पर भी लाया है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए संस्थान के संकाय और विद्यार्थियों को अनुसंधान का कार्य करने का आग्रह किया। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2009 में आईआईटी मंडी की स्थापना के बाद इस संस्थान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस दिन ने हमें यह अवसर दिया है कि हम संस्थान की उपलब्धियों के साथ असफलताओं पर भी विचार करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने समाज और संस्थान के समक्ष चुनौती पेश की है लेकिन चुनौतियों को अवसरों को बदलने का अवसर भी दिया है। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों और संकाय की विभिन्न उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। संस्थान के स्टार्ट-अप और इन्क्यूबेशन प्लान को प्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप योजना का प्रोत्साहन मिला है। शुरूआती दौर में क्षेत्र के लोगों के पूर्ण सहयोग ने आईआईटी मंडी का विकास सुनिश्चित किया। डीन, वित्त डाॅ. विशाल सिंह चौहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों के महासचिव सचित यादव ने संस्थान के रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने संस्थान में पढ़ाई को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है लेकिन इसने विद्यार्थियों तक पहुंचने के लिए प्रौद्योगिकी का श्रेष्ठतम उपयोग सुनिश्चित किया है।