Shimla,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत आज शिमला से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने तबलीगी जमात के कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के नजदीकी लोगों का पता लगाने के लिए वृहद अभियान आरंभ करने के निर्देश दिए, ताकि यह वायरस आगे न फैल सके। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों को चिकित्सा जांच करवाने तक क्वारनटीन में रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने क्षेत्रों में ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रा का ब्यौरा छुपाने वाले व्यक्तियों तथा उन्हें आश्रय देने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला सोलन के बद्दी क्षेत्र में स्थित ईएसआई अस्पताल काथा को कोविड-19 के पाॅजिटिव रोगियों की चिकित्सा के लिए अधिसूचित किया गया है। इस अस्पताल में सोलन तथा सिरमौर जिलों के रोगियों को चिकित्सा प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में टेलिमेडिसिन परामर्श सुविधाएं आरंभ की हैं, ताकि लोगों को विशेषज्ञों के माध्यम से चिकित्सा प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, विधायकों तथा सभी राजनैतिक नियुक्ति प्राप्त व्यक्तियों के वेतन अथवा मानदेय इत्यादि में एक साल के लिए 30 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया है। विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना को भी दो साल की अवधि के लिए स्थगित करने का भी निर्णय लिया गया है। इस राशि का उपयोग प्रदेश में कोविड-19 महामारी से प्रभावी रूप से निपटने के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कफ्र्यू के दौरान किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहनों की आवाजाही को भी सीमित किया जाना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग कफ्र्यू में दी गई ढील के दौरान अनावश्यक घरों से बाहर न निकले।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्याप्त आवश्यक वस्तुओं को कफ्र्यू में ढील के दौरान उपलब्ध करवाया जाए, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि होम डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ दिया जाना चाहिए, ताकि लोगों को आवश्यक वस्तुओं के लिए घरों से बाहर न आना पड़े। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने तथा दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर बल दिया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आरम्भ किए गए एक्टिव केस फाईंडिंग अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर 41 लाख व्यक्तियों की स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सर्जिकल मास्क, हैंड सैनिटाईजर प्रदान करने के पर्याप्त प्रबंध किये जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के दृष्टिगत 4684 व्यक्तियों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 2188 व्यक्तियों ने 28 दिनों की निगरानी अवधि पूर्ण कर ली है। उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 के लिए 79 व्यक्तियों की जांच की गई, जिसमें से 22 सैंपल नेगेटिव पाए गए तथा 57 सैंपलों की रिपोर्ट अभी बाकी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान ने कहा कि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के लिए 534 व्यक्तियों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि अभी तक 18 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई है, जिसमें से दो व्यक्तियों को नेगेटिव पाये जाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त चार व्यक्ति प्रदेश से बाहर उपचाराधीन है तथा एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शेष 11 व्यक्ति प्रदेश के अस्पतालों में उपचाराधीन है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा तथा ओंकार चन्द शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी बैठक में उपस्थित थे।