हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, शिवोपासना संस्थान, डरबन, साऊथ अफ्रीका में रहकर भारतीय संस्कृति के प्रचारक संत स्वामी राम भजन वन महाराज के श्री मुख से सुंदरकांड पाठ का आयोजन संदेश नगर, कनखल स्थित शिव शक्ति कुटी आश्रम में किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों में पाठ का आनंद के साथ महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि हरिद्वार यात्रा के दौरान धार्मिक आयोजनों का सिलसिला चलता रहता है। इस कड़ी में शनिवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। वहीं पिछली बार भारत यात्रा में उन्होंने श्री मद्भागवत कथा का आयोजन किया था। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि इस बार उनकी यात्रा का कार्यक्रम अकस्मात ही बना, इसलिए वे अधूरी तैयारी के साथ अकेले ही भारत आए हैं। जबकि हर बार उनके साथ सैकड़ों विदेशी भक्त भी भारत आते रहे हैं। उन्होंने कहा कि करोना महामारी का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है।लाखों लोग काल का ग्रास बन गये। उनका परिवार बर्बाद हो गया। लोगों का रोजगार चौपट हो गया। भूखमरी के हालत उत्पन्न हो गये। पूरे विश्व की भांति अफ्रीका में भी बर्बादी का लंबा दौर चला। लोग कर्ज के बोझ में दबते चले गए। कर्जा नहीं चुकाने पर मरने की नौबत आ गई। ऐसे में मानवता का दायित्व निभाते हुए उन्होंने भक्तों के द्वारा लिए गए दान के धन को लोगों की मदद के लिए उधार देकर उनके रोजगार के शुरू करने के लिए दिया। इसके लिए उन्होंने स्थानीय न्यायधीश के नेतृत्व में कमेटी गठित कर लोगों से संकल्प भी कराया कि वे धन को वापस भी करेंगे ताकि भविष्य में जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा सके। उन्होंने कहा मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करना ही ईश्वरीय सेवा है। शिवोपासना संस्थान के माध्यम से निरंतर सेवा कार्य चलता रहता है। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए ही उन्होंने सन्यास लिया है और वें निरंतर अपने कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को धर्म और आध्यात्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं। स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि अभी तक बड़ी संख्या में हिंदू धर्म को छोड़ चुके लोगों को वापस हिंदू धर्म से जोड़ चुके हैं और इस कार्य को करने से उन्हें शांति का अनुभव होता है।
स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि अब लोग करोना महामारी से ऊबर चुके हैं। ऐसे में अगली बार पूरी तैयारी के साथ भक्तों को दल बल को लेकर भारत आयेंगे।