भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने मौजूदा पीढ़ी के क्रिकेटरों के टेस्ट क्रिकेट के प्रति रवैये को नकारते हुए कहा कि उनमें से ज्यादातर ने चार दिवसीय खेल में आइपीएल को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा युवराज सिंह ने ये भी कहा है कि आजकल जूनियर खिलाड़ी अपने सीनियर को उस तरह का सम्मान नहीं देते, जैसे कि हमारे समय में खिलाड़ी अपने सीनियर को देते हैं। वहीं, अपने करियर को लेकर भी युवराज सिंह ने बड़ा खुलासा किया है।

युवराज सिंह ने कहा है, “मैं जब टीम में आया(2000 में) था तो आइपीएल नहीं था। मैं अपने हीरोज को स्क्रीन पर देखता है और फिर सीधे उनके पास बैठने लगा। मैंने उनको सम्मान दिया और उन्होंने सिखाया है कि कहां किस तरह से व्यवहार करना है।” युवी ने स्पोर्ट्सस्टार से बात करते हुए कहा है कि इन दिनों सिर्फ खिलाड़ी आइपीएल पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि भी टेस्ट क्रिकेट या फर्स्ट क्लास क्रिकेट को नहीं खेलना चाहता।

माही और विराट ने नहीं किया सपोर्ट

मजेदार बात ये है कि युवराज सिंह ने सौरव गांगुली को अपना बेस्ट कैप्टन बताया है और कहा है कि जितना गांगुली ने उनका सपोर्ट किया था उतना एमएस धौनी और विराट कोहली ने नहीं किया। सिक्सर किंग युवराज सिंह ने कहा, “मैं काफी समय तक सौरव गांगुली की कप्तानी में खेला हूं और उन्होंने मेरा काफी सपोर्ट किया है। इसके बाद माही (MS Dhoni) ने कप्तानी ली। ऐसे में ये चुन पाना काफी कठिन है कि कौन अच्छा है। सौरव के के साथ मेरी तमाम यादें जुड़ी हैं क्योंकि उन्होंने मेरा सपोर्ट दिया। मुझे माही और विराट (कोहली) से इस तरह का समर्थन नहीं मिला।”

एमएस धौनी की कप्तानी में युवराज सिंह ने लंबे समय तक खेला और उनके साथ टीम इंडिया को वर्ल्ड कप 2011 में जीत दिलाई। इससे पहले साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में भी युवी का प्रदर्शन दमदार था। वहीं, सौरव गांगुली की कप्तानी में युवराज सिंह ने 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक का सफर तय किया था। इसके बाद वे विराट कोहली की कप्तानी में भी खेले, लेकिन ज्यादा सपोर्ट उनको नहीं मिला।