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नैनीताल,। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर नैनीताल में बंद पड़े स्लाटर हाउस को फिर से संचालित करने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने जिला अधिकारी नैनीताल को निर्देश दिया है कि जो रिपोर्ट नगर पालिका रामनगर नैनीताल ने जुलाई 2025 को जिला अधिकारी को पेश की थी, उस रिपोर्ट पर निर्णय लेकर स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति नगर पालिका को दें। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दी है।
मामले के अनुसार रामनगर निवासी अनस कुरैशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर नैनीताल में स्थित स्लाटर हाउस को जिला अधिकारी नैनीताल के ने बिना किसी कारण बस बंद करा दिया है, जबकि स्लाटर हाउस सभी मानकों को पूर्ण करता है। स्लाटर हाउस की वैधता मार्च 2026 तक है।
अनस कुरैशी का कहना था कि स्लाटर हाउस बंद होने के कारण बाहरी जिलों व उत्तर प्रदेश के कई जिलों से मांस की आपूर्ति ट्रांसपोर्टरों की यहां की जा रही है। स्थानीय लोगों को ताजा मांस भी नहीं मिल पा रहा है। यही नही मांस की कीमत तिगुनी तक हो गई है, जिसका खामियाजा स्थानीय कारोबारियों व मांसाहारियों को भुगतना पड़ रहा है।
अनस कुरैशी ने जनहित याचिका के जरिए कोर्ट से प्रार्थना कि स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति नगर पालिका को दी जाय। सुनवाई पर नगर पालिका की तरफ से कहा गया कि स्लाटर हाउस वैध रूप से चल रहा था। वह पीसीबी के सभी मानकों को पूर्ण करता आया है, जबकि इसकी एक रिपोर्ट जुलाई 2025 को जिला अधिकारी को भी भेजी गई थी, जिस पर जिलाधिकारी ने आज तक कोई निर्णय तक नहीं लिया गया। उल्टा स्लाटर हाउस बंद करने के निर्देश दे दिए हैं। स्लाटर हाउस बन्द होने के कारण बाहरी जिलों व राज्य से बाहर मांसाहारी व्यापारी सक्रिय हो गए है। जिले में अवैध रूप से मांस की सप्लाई की जा रही है, जिसकी वजह से कई घटनाएं अभी तक घट चुकी है। लिहाजा स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति दी जाय।