नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बाल-तस्करी के मामलों में कथित बढ़ोतरी को लेकर दायर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र से दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। यह याचिका एक गैर-सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा दायर की गई है। कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी दायर याचिका पर जवाब मांगा है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और हृषिकेश रॉय की पीठ ने इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सहायता मांगी और संकेत दिया कि वह बाल तस्करी को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त कर सकती है।
पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘ बचपन बचाओ आंदोलन’ की याचिका पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जवाब मांगा। एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने कहा कि सभी जिला अधिकारियों को हाल ही में बढ़ी इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
मामले को दो सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों से इस मुद्दे पर रिसर्च करने और बच्चों का शोषण न हो यह सुनिश्चित करने के लिए कोई रास्ता निकालने को कहा है।
लॉकडाउन के दौरान बाल-तस्करी में कथित बढ़ोतरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
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