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ऋषिकेश : वनंतरा रिसॉर्ट मामले में सीबीआइ जांच और वीआइपी के नाम का खुलासा करने की मांग को लेकर 52 दिन से ऋषिकेश में आंदोलन चल रहा है। युवा न्याय संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले छह दिन से पांच आंदोलनकारी बेमियादी अनशन पर बैठे हैं।

संघर्ष समिति के सदस्य चुपचाप मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गए

शनिवार को युवा न्याय संघर्ष समिति के सदस्य चुपचाप मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गए। सूचना मिलने पर पुलिस यहां पहुंची और अनशनकारियों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की हुई।

इस दौरान पुलिस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर थाने ले गई। इस दौरान एसपी सिटी सरिता डोभाल और सीओ मसूरी भी मौजूद रहे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा सहित 12 आंदोलनकारियों को पुलिस लाइन लाया गया। अनशनकारी जयेंद्र रमोला, संजय सिलस्वाल, जितेंद्र पाल पाठी भी इनमें शामिल हैं। अनशनकारी सूरज कुकरेती और यशवंत रावत को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

माता-पिता भी धरना दे चुके हैं

गौरतलब है कि वनंतरा रिसॉर्ट मामले में हरिद्वार रोड मंडी तिराहा के समीप युवा नया संघर्ष समिति की ओर से आंदोलन चलाया जा रहा है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, उप नेता प्रतिपक्ष भुवनचंद्र कापड़ी सहित कई संगठन नेता यहां आकर आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं। वनंतरा रिसॉर्ट महिला कर्मी के माता-पिता भी यहां आकर धरना दे चुके हैं।

तीन आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

वनन्तरा रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल में बंद मुख्य आरोपित भाजपा से निष्कासित विनोद आर्या के पुत्र पुलकित आर्या समेत तीन आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

मामले में गिरफ्तार गैंग लीडर पुलकित आर्या निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर,ज्वालापुर हरिद्वार, गैग सदस्य अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता निवासी दयानन्द नगरी, ज्वालापुर, हरिद्वार, गैग सदस्य सौरभ भाष्कर पुत्र शक्ति भाष्कर, निवासी सूरजनगर, ज्वालापुर, हरिद्वार के खिलाफ गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वनन्तरा रिसार्ट गंगा भोगपुर की महिला कर्मचारी की हत्या,यौन उत्पीड़न, आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में तीनों को पुलिस ने 22 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था।

आरोपित पुलकित के खिलाफ आपराधिक अतिचार के मामले में थाना बहादराबाद हरिद्वार में वर्ष 2009 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में वर्ष 2016 में भी धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था