
हिमाचल : हिमाचल के 21 लाख बिजली उपभोक्ताओें को बड़ी राहत मिली है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस साल बिजली दरें नहीं बढ़ाईं। घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर साल 2019-20 की बिजली दरें ही लागू रहेंगी। देरी से बिजली बिल जमा करने वाले सरचार्ज को भी दो फीसदी से घटाकर डेढ़ फीसदी कर दिया। प्रदेश में एक जून से नई दरें लागू होंगी। अमर उजाला ने चार जून, 2020 केअंक में ‘कोरोना संकट के बीच सूबे में घरेलू बिजली महंगी होने के आसार कम’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
विद्युत नियामक आयोग ने बेशक बिजली दरें न बढ़ाकर राहत दी है, लेकिन सरकार बिजली के प्रति यूनिट स्लैब पर कोविड सेस लगाकर झटका दे सकती है। कैबिनेट बैठक में कोविड सेस लगाने पर चर्चा हो चुकी है। मंत्रियों की सब कमेटी भी इसकी सिफारिश कर चुकी है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार शून्य से 60 यूनिट के स्लैब पर कोविड सेस लगाने के आसार कम हैं। इससे अधिक यूनिट के स्लैब पर कोविड सेस लगाकर बिजली महंगी की जा सकती है।
शनिवार को आयोग ने जारी अधिसूचना में बताया कि बिजली बोर्ड ने इस साल दरों में 8.73 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। 487 करोड़ के राजस्व घाटे का हवाला देते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 6000 करोड़ के वार्षिक राजस्व की जरूरत बताई थी। इसे संशोधित कर बाद में बोर्ड ने 5384 करोड़ की राजस्व प्राप्ति की रिव्यू पिटीशन डाली थी, लेकिन आयोग ने इस साल दरें न बढ़ाने का फैसला लिया। आयोग ने बोर्ड को वर्तमान दरों से इस साल 4804 करोड़, बाहरी राज्यों में बिजली सप्लाई से 435 करोड़ की कमाई होने का अनुमान लगाते हुए राजस्व घाटे को भी शून्य कर दिया।
बिजली बोर्ड के घाटे को कम करने के लिए आयोग ने 50 करोड़ की राहत राशि का कोविड रिलीफ फंड के तहत प्रावधान किया है। बता दें कि छह मार्च को मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में साल 2020-21 के लिए सस्ती बिजली देने को 480 करोड़ की सब्सिडी राशि देने की घोषणा भी की थी।