शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम):  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल में सरकार सड़कों और अन्य कार्यों में इंटरलॉकिंग टाइलें लगाने की नीति बनाएगी। इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। सीएम बोले कि पंचायतों से लेकर लोक निर्माण विभाग की सड़कों और अन्य कार्यों में बिछाई जा रही इंटरलॉक टाइल्स और पेवर्स को बिछाने की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। इसके लिए नीति और नियम  बनाए जाएंगे। इनकी कीमतों में भी एकरूपता होगी। इसके लिए पूरे दिशा-निर्देश तैयार होंगे। पंचायतों में विकास कार्यों में रेत और बजरी की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। सीएम ने यह बात गुरुवार को सदन में मुकेश अग्निहोत्री की ओर से प्राइवेट मेंबर्स डे पर लाए गए प्रस्ताव पर गैर सरकारी संकल्प पर यह जवाब दिया। अग्निहोत्री ने भी इस बारे में नीति बनाने का मामला उठाया।

 

 सीएम जयराम ठाकुर ने यह कहा कि टाइल्स लगाना सभी सड़कों के लिए संभव नहीं है। सारी सड़कें इससे नहीं बन सकती हैं। इसकी व्यवहारिकता को देखना होगा और इसकी लागत का भी आकलन करना होगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री के ध्यान में यह मामला लाना चाहते हैं कि इंटरलॉकिंग का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। सीमेंट की गलियों की जगह इंटरलॉकिंग लग रही  हैं और स्थानीय निकाय और पंचायतें लगा रही हैं और अब तो लोकनिर्माण विभाग भी इन्हेंलगा रहा है। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि इंटरलॉकिंग टाइलों की खरीद कोटेशन पर हो रही है और तीन कोटेशन लेकर इसे खरीदा जा रहा है।

 

इसकी आड़ में भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक इसकी हो रही खरीद को पारदर्शी किया जाए। भाजपा सदस्य सदस्य राकेश जमवाल ने कहा कि टाइल की छोटी-छोटी इकाइयां लगी हैं और इसमें रोजगार भी मिला है। राजेंद्र राणा ने कहा कि जो टाइल लग रही हैं, उसमें क्वालिटी का ध्यान रखा जाए। भाजपा सदस्य कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि इंटरलॉकिंग टाइल्ज को लगाने में भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें रेत और बजरी भी लगती है और उसके भी इसकी गुणवत्ता भी देखनी चाहिए। सुखविंद्र सिंह सुक्खू, बलवीर वर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, किशोरी लाल, होशियार सिंह, अरुण कुमार, पवन काजल, नंद लाल आदि ने भी इस पर चर्चा में भाग लिया। सीएम के जवाब के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया।