अम्बाला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले एक मास से जिला अम्बाला में शैल्टर होम में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश उनके घर भेजने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज दूसरे दिन रविवार को भी शैल्टर होम से प्रवासी श्रमिकों को भेजने का काम किया गया। शनिवार देर रात से रविवार प्रात: तक अम्बाला रोडवेज की 77 बसों के माध्यम से लगभग 3000 प्रवासी श्रमिकों को भेजने का काम किया गया है। प्रवासियों को उनके घर रवाना करते समय जिला प्रशासन द्वारा उनके लिये खान-पान की बेहतर व्यवस्था की गई थी।
उपायुक्त ने बताया कि लॉक डाउन के चलते पिछले एक मास से अम्बाला जिला में 21 शैल्टर होम में प्रवासी श्रमिक अस्थाई तौर पर यहंा पर रह रहे थे। जिला प्रशासन व समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग से इन प्रवासियों के लिये यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थी। उन्होंने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशानुसार शनिवार को 23 बसों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश भेजने का काम किया गया। इसी कड़ी में आज अम्बाला शहर जलबेड़ा रोड पर राधा स्वामी सत्संग भवन में रह रहे प्रवासी श्रमिक जिनमें से 559 को 17 बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश स्थित शामली व मनमोहन नगर स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में 28 बसों के माध्यम से 858 श्रमिकों को सहारनपुर भेजने का काम किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा अम्बाला छावनी बस स्टैंड, डीएवी स्कूल अम्बाला छावनी के नजदीक व आर.डी. फार्म तेपला से प्रवासी श्रमिको कों जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई बसों के माध्यम से भेजने का काम किया गया है। रास्ते में प्रवासी श्रमिकों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिये उनके खान-पान के साथ-साथ उनके लिये फल, मास्क व सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया गया है। उपायुक्त ने यह भी बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशानुसार जो प्रवासी रह गए हैं, उन्हें भी जल्द ही घर भेजने का काम किया जाएगा।
प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश निवासी बीरू शर्मा, विशाल कुमार, आशीष, सुमित व नरेन्द्र पाल ने बताया कि लॉक डाउन के चलते पिछले एक मास से राधा स्वामी सत्संग भवन जलबेड़ा व मनमोहन नगर में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थी। स्वास्थ्य की दृष्टि से उनकी मैडिकल जांच भी की जाती थी। तनाव को दूर करने के लिये योग भी करवाया जाता था। इसके साथ-साथ यहां पर मनोरंजन के लिये एलईडी की भी व्यवस्था थी। प्रशासन ने उन्हें अपने परिवार की तरह यहां पर रखकर सभी सुविधाएं दी, जिसके लिये वे जिला प्रशासन का दिल से आभार प्रकट करते हैं और आज प्रशासन ने उन्हें घर भेजकर जो सुविधा दी है, उसके लिये भी वे उनके आभारी हैं। उन्होंने बताया कि शैल्टर होम में उन्हें रहने के लिये किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही हुई। आज उनको घर जाने पर बहुत खुशी महसूस हो रही है। वे अपने परिवार से मिल सकेंगे।
77 बसों से 3000 प्रवासी श्रमिकों को भेजा उप्र : डीसी अशोक कुमार
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