नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रदेश में अब विधानसभा सीटों के परिसीमन (डिलिमिटेशन) की कवायद तेज होने वाली है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सहित असम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में परिसीमन आयोग की सहायता के लिए संबंधित राज्यों के 15 सांसदों को एसोसिएट मेंबर के तौर पर नामित किया है। इन सदस्यों में दो केंद्रीय मंत्रियों को लेकर कुल 15 सांसद हैं। खास बात है कि एसोसिएट मेंबर के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी नामित हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बीते सात मार्च को परिसीमन आयोग गठित हुआ था। लोकसभा स्पीकर ने जिन 15 सांसदों को नामित किया है, उनमें केंद्रीय राज्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के अलावा बारामूला के सांसद मोहम्मद अकबर लोन, अनंतनाग के सांसद हसनैन मसूदी और जम्मू-पुंछ संसदीय सीट के सांसद जुगल किशोर शर्मा शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट 2019 के तहत परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा। केंद्रीय राज्य मंत्री किरण रिजिजू अरुणाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।हालांकि अभी परिसीमन की समय-सीमा तय नहीं हुई है।लेकिन कहा जा रहा है कि यह काम एक साल में पूरा हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से 24 विधानसभा सीटें पीओके के लिए आरक्षित हैं। अब तक यहां पर 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होता आया है। परिसीमन में सीटें बढ़ने की संभावना हैं।