भाजपा और कांग्रेस में महापौर पद के लिए दीपावली के बाद प्रत्याशियों का चयन होगा। दोनों ही पार्टियों में टिकट को लेकर मारामारी मची हुई है। टिकट घोषित होते ही दोनों दलों में बगावत होना लाजिमी है। ऐसे में अब दोनों ही पार्टियों के बड़े पदाधिकारी सक्रिय हो चले हैं। पहले से ही सभी दावेदारों को संयम और निष्ठा का पाठ पढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस में 13 लोगों ने दावेदारी पेश की है। सभी ने नामांकन पत्र तक खरीद लिए हैं।

शुक्रवार को कांग्रेस के पर्यवेक्षक महेन्द्र पाल सिंह सभी दावेदारों के आवेदन पत्र लेकर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पहुंच गए हैं। पर्यवेक्षक महेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने सभी से रायशुमारी भी की है। इस संबंध में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को सभी के बारे में बता दिया है। उन्होंने बताया कि अभी प्रत्याशी के चयन में समय लगेगा। नामांकन से पहले प्रत्याशी के नाम की घोषणा हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर में भी 15 लोगों ने दावेदारी पेश की है। इन लोगों ने भी नामांकन पत्र खरीद लिया है। टिकट के लिए दावेदार दिल्ली और देहरादून की दौड़ भी लगा रहे हैं।

शनिवार को शहर से अधिकांश दावेदार गायब मिले। माना जा रहा है कि भाजपा में भी टिकट की घोषणा नामांकन से पहले हो जाएगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट फाइनल होने के बाद बगावत होना लाजिमी है। ऐसे में दोनों ही दलों के पदाधिकारी दावेदारों से संपर्क साध रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह चौहान ने बताया कि भाजपा एक अनुशासित संगठन है।  प्रत्याशियों की घोषणा पहले ही कर चुकी है।

दावेदारी करना प्रत्येक कार्यकर्ता का अधिकार है। टिकट फाइनल होने के बाद सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष कलीम खान का दावा है कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। चुनाव में सभी कार्यकर्ता मिलकर काम करेंगे।