जयपुर,(DKLH)। राजस्थान सरकार ने आईसीएमआर द्वारा राज्य को भेजी गयी रेपिड टेस्टिंग किट से जांच पर रोक लगा दी है। मंगलवार को प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव 168 मरीजों की इस रेपिड टेस्टिंग किट से जांच की। इस टेस्टिंग किट की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रेपिड टेस्टिंग किट में 90 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आयी। इससे स्पष्ट हुआ कि रेपिड टेस्टिंग किट से पूरी तरह सही रिजल्ट नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इससे टेस्टिंग अभी रोक दी है और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर को इस संबंध में सूचित कर आगे के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 16 अप्रेल को प्रेस वार्ता में बताया था कि चाइना की दो फर्मों से भारत को 5 लाख से ज्यादा एंटी बॉडी टेस्टिंग किट मिली हैं। इससे जांच में कोरोना संक्रमितों का अभियान स्तर पर पता लग सकेगा।
मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में केन्द्र सरकार की एक टीम प्रदेश का जायजा लेने के लिए आयी है। उनसे भी इस संबंध में बात की गयी है। मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टीम से बात कर निवेदन किया है कि केन्द्र सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने को लेकर एक बार विचार करें। प्रवासी मजदूर अभी मानसिक अवसाद का षिकार हो रहे हैं। भारत सरकार अनुमति दे तो ये प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर चले जाएं और उनका तसल्ली हो जाए कि वे अपनों के बीच हैं। वैसे भी अभी लॉकडाउन 3 मई तक है और आगे की परिस्थितियां भी स्पष्ट नहीं हैं।
स्वास्थ्य संसाधनों की खरीद का सेंट्रल सिस्टम हो
मंत्री ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से मांग की है कि पीपीई किट हों, वेंटीलेटर हों या टेस्टिंग किट सभी की खरीद प्रक्रिया का सेंट्रल सिस्टम होना चाहिए। केन्द्र सरकार फिर जरूरत के अनुसार सभी राज्यों को यह उपलब्ध करवा दे। अभी सभी राज्य अपने-अपने हिसाब से मांग कर रहे हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार राज्यों को आर्थिक मदद भी करे। मंत्री ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से उन व्यवसायों और उद्योगों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की मांग की है जो कोरोना लॉकडाउन में खत्म हो गए हैं। उन्हें इस पैकेज के जरिए दोबारा जिंदा करने की मांग की है।