Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने CM जय राम ठाकुर के उस बयान पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के हर कर्मचारियों की समस्या को हल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ओल्ड पेंशन स्कीम को हिमाचल प्रदेश में लागू करने और उनके पदाधिकारियों से वार्ता करने और मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाने का एलान भी कर दिया है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से प्रदेश में काम कर रहा हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा, हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर, संगठन मंत्री श्री विनोद सूद, मीडिया प्रभारी शशि शर्मा, अतिरिक्त महामंत्री सुधीर गौतम, दर्शन लाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय शंकर ठाकुर सहित सभी जिलो प्रधान, महामंत्री, सभी जिला कार्यकारिणी सहित प्रदेश कार्यकारिणी ने सरकार से पेंशन को हिमाचल प्रदेश में लागू करने की मांग की है। प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि एनपीएस से सम्बंधित कर्मचारियों को वार्ता लाप का रास्ता अपनाना चाहिये। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश में पूरानी पेंशन बहाली की मांग करता है लेकिन धरने प्रदर्शन वालो के साथ नही। प्रदेश में कुछ नेता इस धरने प्रदर्शन से राजनीति रोटियां सेंकने में लगे है। पूर्व सरकार द्वारा 2003 में प्रदेश के कर्मचारियों से पेंशन छीनी ओर आज बहाल करने की बात कर रहे हैं।
हैरानी होती है कि किस मुँह से प्रदेश के कर्मचारियों की पेंशन की मांग कर रही हैं। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को भूखे मरने को छोड़ दिया था। आज आपको कर्मचारियों की याद आ रही है। हिमाचल प्रदेश में जब से CM जय राम सरकार बनी है, प्रदेश के कर्मचारियों के लिए हर लाभ दिया है चाहे वह वेतनमान हो।डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के एनपीएस कर्मचारियों को 2009 की नोटिफिकेशन जारी करने का काम भी जय राम सरकार कर गई। आप लोगो की नींद नही खुली पहले। प्रदेश में वेतनमान जब भी लागू हुआ, पूर्व सरकारों ने हमेशा कर्मचारियों के साथ धोखा दिया है। पूर्व सरकार ने 2014 में प्रदेश के प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाली एसीपी को बंद कर दिया था। आज आप लागू करने की बात कर रहे हैं। आपने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों पर राइडर लगवा दिया।
जो आज प्रदेश भर के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। पूर्व सरकार ने हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के पांच कार्यकर्ताओ को पूरे पांच साल प्रताड़ित किया। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के कर्मचारियों से अपील करता है कि प्रदेश में ओल्ड पेंशन योजना को लागू करवाने का काम भी CM जय राम करेंगे। परन्तु अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने वाले नेताओं से बचे। हिमाचल प्रदेश के CM ने पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त पीटीए अध्यापको को नियमित, पेट अध्यापको को नियमित किया , जिनके कांग्रेस सरकार के पास जा जा कर ओर टोपियां पहना कर उम्र बीत गई थी। प्रदेश की जय राम सरकार कर्मचारियों की हितेषी सरकार है। मेरा पूर्व सरकार और उनकी गोदी में खेलने वाले कम्युनिस्ट संगठनों से एक ही सवाल है कि कर्मचारियों के हितों के लिए आपने कौन सा काम करवा दिया। जब पेंशन बन्द हुई, तब आपके आकाओं की सरकार थी, जब राइडर लगा तब भी आपके आकाओं की सरकार थी।
जब एसीपी बन्द हुआ तब भी आपकी सरकार थी। प्रदेश में कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का काम जय राम सरकार ने किया है। प्रदेश में पुरानी पेंशन को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ही लागू करेंगे। बाकी सरकारो में सिर्फ कर्मचारियों का शोषण ही हुआ है। प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की 34 मांगो को पूरा किया है। कुछ मांगे बजट सत्र में पूरी हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के सभी कर्मचारियों से आग्रह करता है कि अपने मंचो पर राजनीतिक रोटियां सेकने वाले लोगो से बचे। प्रदेश में एक मजबूत नेतृत्व जय राम ठाकुर के नेतृत्व में है जिन्होंने कर्मचारियों के हितों के लिए कई क्रांतिकारी कदन लिए है। प्रदेश में कुछ संगठन कर्मचारियों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं जिनका प्रदेश के कर्मचारियों लाभ दिलाने में कोई योगदान नही रहा।
जब प्रदेश के कर्मचारियों के पर कतरे जा रहे थे और हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का शोषण हो रहा था। तब यह पूर्व सरकार के CM के चरणों मे बैठ कर महाराज महाराज बोलते थे और तत्कालीन सरकार में बैठे नेता इनको मक़डझण्डू कहते थे। डॉ मामराज पुंडीर ने प्रदेश के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि इन टुकड़े टुकड़े गैंग से बचने का प्रयास करे। जिसने अपनी नोकरी भी धोखे से ली है ,गलत सर्टिफिकेट लगा कर। आप सभी से निवेदन है कि जय राम ठाकुर पर विश्वास कीजिये। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को चर्चा के लिए बुलाया है तो इसकी गंभीरता को समझ लेना चाहिए