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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन भारत और भारतीयता के लिए समर्पित था। भारत की एकात्मता और अखंडता के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को यह देश सदैव स्मरण करेगा। उन्होंने कहा कि वह भारत के उद्योग और खाद्य नीति के मार्गदर्शक थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी  के विचार को आगे बढ़ाया जा रहा है।

सीएम योगी गुरुवार को पार्क रोड स्थित सिविल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 123वीं जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर चलना शुरू किया तो उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की।

सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सरकार से मतभेद उस समय भी देखने को मिला था, जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने भारत के संविधान में जबरन अनुच्छेद 370 जोड़कर देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया था। उसका श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जमकर विरोध किया था। उस समय उन्होंने नारा दिया था एक देश के दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान देशभक्त, प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रख्यात शिक्षाविद थे। आजादी के आंदोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मात्र 35 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में शिक्षा क्षेत्र अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। आजादी के पूर्व बंगला में आई अकाल की त्रासदी के समय उन्होंने मानवता की सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया।

सीएम योगी ने कहा कि भारत के प्रति डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। 1952-1953 से चली आ रही त्रासदी अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त किया और जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। आज जम्मू और कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।