कोरबा, सूरज की तपिश बढऩे के साथ ही दिन में तापमान अधिकतम 40 डिग्री तक पहुंचने लगा है। धूप तेज लगने लगी है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक उद्योगों को छोडक़र अन्य गैर जरूरी उद्योग व दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। जिसके चलते प्रदेश में बिजली की मांग को लेकर अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक भी कोई दबाव वाली स्थिति नहीं है। हालांकि गर्मी के चलते चलते घरेलू क्षेत्र में डिमांड कुछ जरूर बढ़ी है। लेकिन इसके बाद भी लॉकडाउन के चलते प्रदेश में इस समय 500 मेगावाट तक बिजली की मांग में कमी आ गई है।
बिजली कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार सामान्य स्थिति में अप्रैल के मध्य तक बिजली की मांग प्रदेश में 3700 मेगावाट या इससे अधिक रहती है। लेकिन लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे बंद होने से बिजली की मांग कम है। लॉकडाउन की वजह से बिजली डिमांड कम हुई है। कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंकाओं के बीच जरूरी संस्थानों को छोड़ अन्य सभी बंद हैं। बिजली की मांग कम होने पर पावर जेनरेशन कंपनी के प्लांटों में उत्पादन पर असर भी प?ा है। कम लोड पर चलाया जा रहा है। डी एस पी एम, एच टी पी पी व कोरबा पूर्व के तीनों प्लांट में सभी इकाइयों से बिजली बन रही है। 240 मेगावाट के कोरबा पूर्व में 161, एच टी पी पी 1340 मेगावाट प्लांट में 1150 व 500 मेगावाट के डी एस पी एम में 370 मेगावाट तक बिजली बन रही है। सेंट्रल पुल से 1000 मेगावाट तक बिजली मिल रही है।