साल 2007 में दो वर्ल्ड कप खेले गए। एक था वनडे वर्ल्ड कप और दूसरा था आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप। वनडे वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज की सरजमीं पर खेला गया, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता। वहीं, दूसरा वर्ल्ड कप करीब तीन महीने के बाद साउथ अफ्रीका की मिट्टी पर खेला गया जिसे टीम इंडिया ने जीता। एक साल में दो वर्ल्ड कप कराने का मकसद आइसीसी का सिर्फ यही था कि उसे कथित तौर पर वनडे वर्ल्ड कप में काफी नुकसान हुआ था।
आइसीसी को नुकसान इसलिए भी उठाना पड़ा था, क्योंकि भारत और पाकिस्तान जैसी कई दिग्गज टीमें लीग फेज में ही बाहर हो गई थीं। ऐसे में क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था को टीआरपी के लाले पड़ गए। टीआरपी नहीं आई तो विज्ञापन नहीं आए और विज्ञापन नहीं आए तो कमाई नहीं हुई। यही कारण था कि आइसीसी वर्ल्ड टी20 नाम से एक टूर्नामेंट शुरू किया गया जो टी20 वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाने लगा। 20-20 ओवर का ये टूर्नामेंट पहली बार शुरू हुआ था।
12 साल पहले रचा इतिहास
आज से ठीक 12 साल पहले यानी 24 सितंबर 2007 को आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भारत और उसकी चिरप्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान के बीच जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया। इस मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम बिना वीरेंद्र सहवाग के उतरी। सहवाग की जगह यूसुफ पठान से ओपनिंग कराई गई, क्योंकि वे चोटिल थे। ये बड़ी कमजोरी साबित हो गई।
पहले खेलते हुए भारतीय टीम 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए, जिसमें गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 75 रन की शानदार पारी खेली। गौतम गंभीर के अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 2 चौकों और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए। वहीं, युसुफ पठान 15 रन बनाकर और युवराज सिंह 14 रन बनाकर आउट हुए। धौनी भी ज्यादा कुछ कर नहीं पाए और 10 गेंदों में सिर्फ 6 रन बनाकर उमर गुल की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।
उधर, 158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम खराब शुरुआत मिली। पाकिस्तान टीम के दो बल्लेबाज 26 रन के स्कोर पर आउट हो गए। बाद में इमरान नजीर और युनिस खान ने एक छोटी से साझेदारी की, लेकिन इमरान नजीर एक तेजतर्रार 33 रन की पारी खेलकर आउट हो गए। इसके बाद विकेट गिरते हुए और मैच में रोमांच पनपता गया, लेकिन पाकिस्तान की उम्मीद बनकर मिस्बाह उल हक मैदान में डटे रहे और मैच को आखिर ओवर तक खींच ले गए।
आखिरी ओवर का रोमांच
पाकिस्तान को जीत के लिए आखिर के ओवर की 6 गेंदों में 13 रन बनाने थे। पाकिस्तान के पास सिर्फ एक विकेट था और क्रीज पर थे मिस्बाह उल हक। भारतीय कप्तान एमएस धौनी ने जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई जो 3 ओवर में 13 रन देकर एक विकेट झटक चुके थे। जोगिंदर शर्मा ने आखिरी ओवर की पहली गेंद को वाइड फेंककर पाकिस्तान की मुश्किलों का आसान कर दिया। अब पाकिस्तान को 6 गेंदों में 12 रन बनाने थे, जिसमें मिस्बाह उल हक सक्षम भी लग रहे थे।
जोगिंदर शर्मा ने फिर से पहली गेंद फेंकी और मिस्बाह उल हक ने मिस हो गई। अब 5 गेंदों में 12 रन बनाने थे। ओवर की दूसरी गेंद जोगिंदर शर्मा ने फुलटॉस फेंक दी, जिस पर मिस्बाह उल हक ने छक्का जड़कर भारतीय खेमे की मुश्किलें बढ़ा दीं। इसके बाद तीसरी गेंद पर जो हुआ वो भारत के लिए ऐतिहासिक पल था, क्योंकि मिस्बाह ने तीसरी गेंद को स्कूप शॉट खेलकर विकेट के पीछे से मारना चाहा, लेकिन गेंद हवा में उछल गई जैसे एस श्रीसंत ने कैच कर लिया।
इस तरह पाकिस्तान की पारी का अंत हो गया और भारतीय टीम जश्न मनाने में जुट गई। भारतीय टीम जहां साउथ अफ्रीका में टी20 वर्ल्ड कप जीतने का जश्न मना रही थी। वहीं, भारत में आतिशबाजी शुरू हो गई थी, क्योंकि क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये दिन किसी दिवाली से कम नहीं था और जह लंबे बालों वाले एमएस धौनी ने आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाई थी फिर माहौल और भी ज्यादा खुशनुमा हो गया। इस मैच में इरफान पठान को मैन ऑफ द मैच मिला, जिन्होंने 4 ओवर में 16 रन देकर 3 विकेट झटके।