नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): कोरोना वायरस को रोकने में कारगर करार दिए जाने वाले ड्रग हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के साबित होने में 15 दिन का समय और लग सकते हैं। फिलहाल यह परिक्षण प्रक्रिया में है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर के मुताबिक इस पर अध्ययन चल रहा है और निश्चित तौर पर कुछ भी कहने में दो हफ्ते का समय और लग जाएंगे। आइसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक भारत में कोरोना मरीजों के नजदीक रहने वालों और उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की दवा कोरोना वायरस से संक्रमण के लिए बचाव के रूप में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कहा कि यह दवा कोरोना से बचाव में कितनी सक्षम है, इसका पता लंबे समय तक निगरानी के बाद लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को यह दवा दी जा रही है, उनकी आइसीएमआर के द्वारा पूरी निगरानी कर रहा है और दो सप्ताह तक और निगरानी के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। डॉक्टर गंगाखेड़कर ने कहा कि जैसे ही हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के कोरोना वायरस की रोकथाम में प्रभावी होने की पुष्टि हो जाएगी, आइसीएमआर खुद ही आम लोगों के उपयोग के लिए गाइडलाइंस जारी कर देगा। जारी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस दवा के वर्तमान में आम जनता के उपयोग पर रोक लगाने के बार में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा दो-तीन वजहों से किया गया है। सबसे पहली बात तो यह है कि यह दवा इस बीमारी में कितनी कारगर है इसका पता लगाया जाना अभी बाकी है। दूसरे इस दवा के साइड इफेक्ट भी होते हैं और दिल के मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकती है। कोरोना के भय की वजह से घबराहट में इसके इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना वायरस अभी भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन फेज में नहीं पहुंचा है इसलिए सबके इससे प्रभावित होने की आशंका फिलहाल काफी कम है। वहीं, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन तभी तक प्रभावी रह सकती है जब तक कोई व्यक्ति इसे निश्चित अंतराल पर लेता रहता है। आठ सप्ताह के बाद दुनिया में कहीं भी इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाती है। ऐसे में यदि कोरोना वायरस का आउटब्रेक डेढ़ या दो महीने बाद हुआ और उस समय सबको हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन देने की जरूरत समझी गई तो अधिकांश लोगों को यह इसलिए नहीं दी जा सकेगी क्योंकि वे इसका उपयोग पहले ही कर चुके होंगे। यही वजह है कि सरकार ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की खुली बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है।