शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : ‘मैं हूं न, आप घर पर रहें तथा सुरक्षित रहें, सरकार लाकडाउन के दृष्टिगत आपकी सभी आवश्यकताओं तथा प्राथमिकताओं का ध्यान रखेगी। मैं प्रदेश तथा प्रदेश के लोगों की सेवा के लिए सदैव तत्पर हूं। मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि हम मिलकर इस महामारी के संक्रमण को रोक सकते हैं तथा हम अवश्य इसमें सफल होंगे।’ मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर द्वारा असमंजस्य में पड़े ग्रामीण व शहरी निर्धन लोगों, प्रवासी मजदूरों सहित मजदूरों तथा प्रदेश के लोगों के लिए इस ढाढ़स भरे सन्देश से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता था, यह भी उस समय जब कोविड-19 जैसी भयंकर महामारी से देशवासियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहले दिन लाॅकडाउन की घोषणा की। विश्व में कोरोना महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। लाकडाउन से परिचित न होने के बावजूद भी लोगों ने इस विश्वास के साथ प्रधानमंत्री तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री की अपील का समर्थन किया कि इस दौर के उपरान्त इस विध्वसंकारी वायरस से लड़ने की एक आशा और इच्छा जागृत होगी। लोगों के धैर्य का परिणाम यह रहा कि सरकार ने प्रथम लाॅकडाउन के उपरान्त आवश्यक वस्तुओं पर बल देते हुए निर्धनों के लिए निःशुल्क राशन, दवाईयां उपलब्ध करवाई तथा लाॅकडाउन में मजदूरों तथा किसानों को छूट दी, ताकि वे अपना कार्य तथा फसल कटाई कर अपनी आजीविका कमा सकें।
मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों तथा स्थिति की प्रगति का जायजा ले रहे हैं, ताकि लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और दैनिक भोगियों, निर्धनों तथा मजदूरों को पर्याप्त कार्य तथा भोजन प्राप्त हो। मनरेगा के तहत मजदूरों को सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति दी गई है। सरकार द्वारा समयबद्ध कदम उठाने, पुनःआश्वासन देने तथा दिशा-निर्देश जारी करने के परिणामस्वरूप किसान आज खुशहाल हैं तथा फसल कटाई के लिए मजदूरों तथा मशीनरी को किराए पर लेने के लिए तुरन्त स्वीकृति प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त कर रहे है। ग्राम पंचायत जनकोर के प्रधान जगदेव सिंह ने कहा, ‘मैं हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी का आभारी हॅूं तथा साथ ही ऊना के प्रशासन और यहां के कृषि विभाग का भी आभारी हॅूं जिन्होंने मेरे ट्रैक्टर और 12 मजदूरों के लिए एकदम पास बनवा दिया, ताकि मैं अपनी दस एकड़ जमीन पर लगाई अपनी फसल की कटाई कर सकूॅं।’ उनका कहना है कि इस कार्य के दौरान सामाजिक-दूरी, मास्क पहनना तथा हाथों को धोने सहित सभी नियमों का पालन किया गया।
इसी प्रकार कुठारकलां गांव के निवासी राधाकृष्ण प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सहायता से संतुष्ट हैं तथा लाॅकडाउन के दृष्टिगत औद्योगिक क्षेत्र और किसानों को राहत प्रदान करने के लिए आभारी हैं।
अबादा-बराना निवासी सुरेन्द्र पाल सुपुत्र ज्ञान चन्द के शब्दों में, ‘मुझे अपने ट्रैक्टर और थ्रैशर के लिए भी आॅटोमोबाईल वर्कशाप में स्पेयर-पार्टस मिल रहे हैं तथा फसल की कटाई में कोई परेशानी नहीं आई।’ इसी गांव के सुरेश कुमार ने भी सरकार तथा स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
बिहार से सम्बन्ध रखने वाले मजदूर मनोज कुमार का कहना है कि वह खेतों मैं काम करने में छूट प्रदान करने तथा उसे राशन उपलब्ध करवाने के लिए अधिकारियों के आभारी हंै। उनके अनुसार ‘मुझे काम के लिए पास भी दिया गया है और मुफ्त राशन भी।’प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को (लोगों और मशीनरी सहित) फसल की कटाई के लिए 28 अप्रैल तक 4098 पास जारी किए गए, जबकि 2 मई तक ऊना के कृषि उप-निदेशक सुरेश कपूर द्वारा 4234 पास जारी किए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे स्थानीय मजदूरों को फसल कटाई के दौरान किसी भी प्रकार के पास की आवश्यकता न पड़े, फिर भी बाहरी राज्यों के मजदूरों को पास जारी किए जा रहे हैं। ट्रैक्टर तथा थ्रैशर आदि की शीघ्र मुरम्मत व रख-रखाव के लिए जिला में आॅटोमोबाईल वर्कशाप भी खोली जा रही हैं। आजकल फसल कटाई का कार्य जोरों पर है तथा लोगों द्वारा सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा रही है।