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भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने ही बुने जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। इमरान ने अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल कर अपने ही घर में मानवाधिकार उल्लंघन किए जा रहे हैं। ऐसा करके उन्होंने प्रमाणित कर दिया है कि मानवाधिकार उल्लंघन का असली गुनहगार वह खुद हैं।
कश्मीर की आड़ में इमरान अपने राजीनतिक विरोधियों प्रताडि़त कर रहे हैं। ऐसे कई मसले हैं जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को शांत करने के लिए जेल में डाल दिया। मौलाना फजलुर्रहमान की जमियत उलेमा-ए-इस्लाम फज्ल 31 अक्टूबर को आजादी मार्च का आयोजन कर रहे हैं। इस आंदोलन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी का समर्थन हासिल है। इमरान की रणनीति है कि कश्मीर को लेकर देश में एक अघोषित इमरजंंसी का बहाना लेकर उनको जेल में डाल दिया जाए। इसे लेकर वहां का विपक्ष सचेत हो गया है। उसने इमरान के खिलाफ विरोध के सुर तेज हो गए हैं।