चंडीगढ़,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना वायरस से लडऩे के लिए अपने सभी लागू किए गए और भविष्य के कदमों में हरियाणा सरकार के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करने हेतू राज्य के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं का धन्यवाद किया। आज यहां लगभग दो घंटे चली वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में उनकी अध्यक्षता में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और विधायक अभय सिंह चौटाला ने भाग लिया। बैठक में बताया गया कि गेहूं और सरसों की खरीद जोरों पर है। कल तक लगभग 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 2.90 लाख मीट्रिक टन से अधिक सरसों की खरीद की जा चुकी है और 52,645 किसानों के खातों में सरसों के लिए लगभग 591 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। इसके अलावा, गेहूं के लिए 700 करोड़ रुपये की राशि भुगतान के लिए आज जारी की जा रही है जो अगले 3-4 दिनों में किसानों के खाते में पहुंच जाएगी। बैठक में झज्जर, सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद की सीमाओं पर दैनिक यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाने के हाल के निर्णय के लिए पूरा समर्थन मिला। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, कुरुक्षेत्र के एक इंस्पेक्टर की आत्महत्या मामले की जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का भी निर्णय लिया गया।
भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राजकोषीय संकट के तहत कर्ज लेने में सरकार को कोई संकोच नहीं करना चाहिए।
दुष्यंत चौटाला ने सभी से आग्रह किया कि वे छोटे किसानों की चिंताओं को कम करने हेतू मंडियों में गेहूं देरी से लाने के लिए बड़े किसानों को प्रेरित करें, साथ ही उन्होंने 15 मई, 2020 तक 100 प्रतिशत खरीद का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उम्मीद जताई कि अंतर-राज्य आवागमन पर अंकुश लगाने से हरियाणा जल्द ही कोरोना मुक्त हो जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।