नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादी गुटों के बीच गलियों में खूनी जंग छिड़ गयी है। घाटी में लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्यों द्वारा नवगठित ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’, शुरू किया गया है। हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर अब्बास शेख ने अपना संगठन छोड़ दिया है और टीआरएफ में शामिल हो गया हैं। जिसके बाद लश्कर के इस नए फ्रंट और हिजबुल मुजाहिदीन में झड़प शुरू हो गयी। आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि शुक्रवार को ‘तहरीक ए पुपिल्स पार्टी’ ने एक हाथ से लिखा हुआ पोस्टर जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उसके ऑपरेशनल कमांडर अब्बास ने हिज्बुल मुजाहिदीन को छोड़ दिया है क्योंकि वह कश्मीरी पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारने की नीति से असहमत था। सूत्रों के मुताबिक अब्बास पूरी तरह से भूमिगत हो गया है। हिजबुल से और साथ ही सुरक्षा बलों को टीआरएफ के साथ अपने बचाव करते हुए दोनों से छिपा हुआ है। सूत्रों ने कहा कि अब्बास के 12 सक्रिय सदस्य होने और जमीनी कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) की एक अज्ञात संख्या होने का दावा है। हालांकि, टीआरएफ को शुक्रवार को अब्बास के दलबदल पर एक बयान जारी करने की जल्दी थी। अपने इस्लामिक जिहादी लोगो और ‘विजय तक प्रतिरोध’ के आदर्श वाक्य के साथ एक लेटर हेड पर, टीआरएफ ने कहा, “कुछ दिन पहले हमने हिजबुल मुजाहिदीन को कश्मीरी पुलिसकर्मियों या नागरिकों को मारने से रोकने के लिए चेतावनी दी थी।