कोरोना संक्रमण के मामले दून में निरंतर बढ़ रहे हैं, मगर राहत की बात उससे कहीं अधिक है। दून में 10 हजार से अधिक लोगों ने अपनी क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली है। लिहाजा, अब ये खुली हवा में सांस लेकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।

दून के लिए एक राहत की बात इसे भी कहा जा सकता है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद 94 लोग ऐसे हैं, जिनके शरीर पर यह वायरस किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाया। इसका मतलब यह हुआ कि इनमें कोरोना के लक्षण नहीं है। यही वजह है कि 10 दिन के आइसोलेशन के बाद ऐसे मरीजों को होम क्वारंटाइन के लिए डिस्चार्ज किया जाने लगा है।

ऐसे कई लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। शेष को जल्द घर भेज दिया जाएगा। क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए तमाम लोग भी अब अपनी सात दिन की अवधि पूरी कर घर भेजे जाने लगे हैं। ऐसे 47 लोगों को अब तक घर भेजा गया और मंगलवार को भी 33 लोगों को 14 दिन के होम क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया। 10 हजार से अधिक लोगों को होम क्वारंटाइन से छूट देने के बाद अब भी 13 हजार से अधिक लोग होम क्वारंटाइन हैं। जिला प्रशासन इन लोगों की निरंतर सामुदायिक निगरानी करा रहा है। मंगलवार को भी एक हजार से अधिक लोगों की निगरानी कर स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की गई।

रोज होगी सैंपल बैकलॉग की समीक्षा 

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सैंपलिंग व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं के स्तर पर लंबित जांच के कारण और रिजेक्ट सैंपलों की नियमित जानकारी लें। जिससे जांच में तेजी आए और बैकलॉग की समस्या भी वक्त पर दूर की जा सके।

उन्होंने यह निर्देश भी दिया है कि समस्त जनपदों में सैंपलिंग/जांच कार्य व अन्य सूचनाओं का संकलन और विश्लेषण स्टेट कंट्रोल रूम के स्तर पर ही किया जाएगा। जनपद स्तर पर केवल क्लीनिकल व एपिडेमियोलॉजी से संबंधित कार्य ही किया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित राज्य नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया और यहां की कार्य प्रणाली की विस्तार से जानकारी ली। राज्य नियंत्रण कक्ष की भूमिका को उन्होंने अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसे अधिक व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने के बारे में विभागीय अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।

उन्होंने जिला सर्विलांस अधिकारियों व आइडीएसपी यूनिट को एपिडेमियोलॉजी व संक्रमण से संबंधित विभिन्न प्रकार की सूचनाओं/डाटा संकलन के लिए पूर्ण उत्तरदायी बनाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना के मरीजों को उपचार के लिए निर्धारित अलग-अलग श्रेणी की चिकित्सा इकाइयों के अनुसार वर्गीकृत करते हुए सूचनाओं का संकलन किया जाए।

इससे संक्रमित और संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों का डाटा बेस तैयार किया जाए। सैंपलों की जांच रिपोर्ट आइसीएमआर पोर्टल पर की गई व्यवस्था के अनुरूप ही अपडेट किए जाने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। इस दौरान आइटी एवं एमआइएस कार्यो के लिए नियुक्त प्रभारी अधिकारी सौजन्या, अपर सचिव युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती, चीफ ऑपरेशन ऑफिसर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी मौजूद रहे।

देहरादून में क्वारंटाइन और एसिम्टोमैटिक मरीजों की स्थिति

बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित व्यक्ति-94

लक्षण न आने के बाद डिस्चार्ज किए गए व्यक्ति-47

क्वारंटाइन सेंटर से घर भेजे गए, व्यक्ति-157

दून में होम क्वारंटाइन व्यक्ति-13725

होम क्वारंटाइन से बाहर आए लोग-10470

संस्थागत क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोग-1298

डरने जैसी कोई बात नहीं

देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के बाद भी 10 दिन तक लक्षण न पाए जाने वाले जिन लोगों को होम क्वारंटाइन किया जा रहा है, उनके प्रति आसपास के लोग मानवता दिखाएं। आसपास कोरोना संक्रमित व्यक्ति के होम क्वारंटाइन होने पर डरने जैसी कोई बात नहीं है। सिर्फ इस बात की निगरानी जरूर करें कि लोग होम क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं। जो लोग बाहर घूम रहे हैं, उनकी सूचना तत्काल प्रशासन व पुलिस को दी जाए।