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अयोध्या,  रामजन्मभूमि की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। वर्तमान में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में स्थित इस परिसर की निगरानी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेगा। जनवरी के तीसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यहां आएंगे। ऐसे में उनके कार्यक्रम से पूर्व सीआइएसएफ यहां अपना सुरक्षा का तानाबाना तैयार कर लेगी।

यह फोर्स ऐतिहासिक भवनों से लेकर हवाई अड्डों, मेट्रो रेल व अन्य बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में विशेषज्ञता रखता है। सीआइएसएफ के सिक्योरिटी आडिट पर ही राममंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन की योजना बनाई गई है। सीआइएसएफ ने गत वर्ष रामजन्मभूमि परिसर का सिक्योरिटी आडिट किया था तभी से यह संभावना व्यक्त की जा रही थी भविष्य में राममंदिर की सुरक्षा सीआइएसएफ को सौंपी जा सकती है।

बुधवार को यहां पहुंचे डीजी सीआइएसएफ शीलवर्धन सिंह व डीआइजी सुमंत सिंह ने रामजन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया। सीआइएसएफ के उच्चाधिकारियों की बढ़ती सक्रियता ने संभावना पर मुहर लगा दी है। एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, आइजी रेंज प्रवीण कुमार एवं एसएसपी राजकरन नय्यर भी उनके साथ रहे। अधिकारियों ने तीन घंटे तक परिसर का निरीक्षण किया। सिक्योरिटी आडिट के अनुरूप होने वाली व्यवस्थाओं का समीक्षा की।

श्रद्धालुओं के आवागमन के मार्ग देखने के साथ-साथ बैग स्कैनर आदि लगने के प्रबंध देखे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी भी इस मौके पर रहे। अधिकारियों ने आवश्यकता एवं अपेक्षाओं पर भी चर्चा की। सीआइएसएफ की रणनीति में रामजन्मभूमि परिसर को अधिक से अधिक तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान करना है, जिसमें एंटी ड्रोन तकनीक भी शामिल है। रेड जोन के साथ-साथ परिसर से सटे यलो जोन के बाहरी क्षेत्र के लिए भी सिक्योरिटी आडिट में प्लानिंग की गई है।

वर्तमान में रामजन्मभूमि की सुरक्षा में सीआरपीएफ, पुलिस और पीएसी तैनात है। गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है। एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने बताया कि सीआइएसएफ के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने आए थे। देश के हवाई अड्डों, ताजमहल, मेट्रो सहित अन्य कई ऐतिहासिक भवनों एवं महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा का अच्छा अनुभव सीआइएसएफ के पास है। इसीलिए राममंदिर की सुरक्षा के लिए भी इनके अनुभव का उपयोग किया जा रहा है।