ऋषिकेश: विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के कार्यक्रम में पूरे देश के संत-महापुरूषों का महासंगम आज परमानन्द आश्रम, हरिद्वार मेें हुआ। इसमें मुख्यमंत्री उत्तराखंड तीरथ सिंह रावत और कई पूज्य संतों, आचार्यों-महामण्डलेश्वरों, महंतों और विश्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारियों ने सहभाग कर अपने प्रेरणादायी एवं ओजस्वी विचार व्यक्त किये। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सुझाव दिया कि आज आप अपने जन्म दिवस के अवसर पर पूज्य संतों के श्रीचरणों में एक भेंट समर्पित करें कि उत्तराखंड में चारों धाम क्षेत्र के 51 प्रमुख मन्दिरों को श्राइन बोर्ड के अधीन किये जाने वाले फैसले पर पुनः विचार किया जाये।
मुख्यमंत्री ने इसे तुरंत संज्ञान में लेते हुये इस पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तराखंड के प्रमुख 51 मन्दिरों को श्राइन बोर्ड के साथ नहीं जोड़ा जायेगा तथा श्राइन बोर्ड पर भी विचार किया जायेगा। साथ ही मन्दिरों के आचार्यो व पुरोहितों के हक और अधिकारों पर भी ध्यान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय का सभी पूज्य संतों ने स्वागत किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने माँ गंगा के घटते जलस्तर और कम होते प्रवाह पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि हम सभी को मिलकर इस पर चिंतन करने की जरूरत है ताकि हमारी गंगा हमेशा सदानीरा बनी रहे। गंगा जी को स्वच्छ, सदानीरा और प्रदूषण मुक्त रखने के लिये सरकारी प्रयासों के साथ सभी के समन्वित प्रयासों की जरूरत है।
विश्व हिन्दू परिषद् के सभी पदाधिकारी गण जिसमें विशेष रूप से आलोक कुमार, दिनेश, मिलिन्द परान्दे, विनायक राव, राम जन्म भूमि तीर्थ श्रेत्र ट्रष्ट के महासचिव चंपतराय आदि कई महापुरूषों ने समाज को जागृत करने एवं सकारात्मक दिशा देने वाले उद्बोधन दिये तथा अनेक महत्वपूर्ण सूचनायें प्रदान की। इस अवसर पर आचार्य महामण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वर गण, अखाड़ों के सचिव गण, भारत के विभिन्न राज्यों से आये पूज्य संतगण, विश्व हिन्दू परिषद के कर्मठ कार्यकर्ता अशोक तिवारी, जीवेश्वर मिश्र आदि अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर अपने प्रेरणादायी एवं ओजस्वी विचार व्यक्त किये। आज का कार्यक्रम सफलतापूर्वक समपन्न हुआ। पूज्य संतों ने विश्व हिन्दू परिषद् के सभी कार्यक्रर्ता और पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।