नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : थाईलैंड के एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में कोरोना वायरस किसी जिंदा आदमी से नहीं बल्कि एक शव की वजह से फैला है | एक डॉक्टर एक मृतक कोरोना मरीज के शरीर का परीक्षण कर रहा था | परीक्षण के दौरान उस मृतक के शरीर से कोरोना वायरस डॉक्टर के शरीर में ट्रांसफर हो गया था | ये रिपोर्ट शव गृहों के कर्मचारियों के लिए चिंताजनक है | इससे पहले ऐसी कोई स्टडी सामने नहीं आई थी | वैश्विक स्तर पर 19 लाख संक्रमण के मामले होने के बावजूद थाईलैंड में अभी सिर्फ 2579 मामले ही सामने आए हैं | रिसर्चकर्ताओं का कहना है कि अभी तक ये बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि कोरोना वायरस कितने दिनों तक शवों में रह सकता है | इससे पहले इबोला वायरस के भी शवों से इंसानों में ट्रांसफर होने का मामला सामने आया था | इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने हेपेटाइटिस, टीबी और कॉलरा के मरीजों की डेड बॉडी को लेकर गाइडलाइन्स जारी कर रखी हैं | संस्था ने इन रोग से मरने वाले मरीजों के शवों को सील करने के दौरान ज्यादा एहतियात बरतने की गाइडलाइन्स जारी की हुई हैं |
द अटलांटिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना मरीजों के शवों को लेकर दुनियाभर के शव गृह कर्मचारी अपनी चिंता जता चुके हैं | यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हेवन के प्रोफेसर जॉनसन मैक्गी का कहना है कि कोरोना मरीजों के शवों के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को पूरे इंतजाम करने चाहिए | इन मरीजों की का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है | उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों का खयाल रखना ही होगा जो मृतकों का खयाल रखते हैं | शुरुआत से कोरोना की वजह मरे लोगों को जलाया जाना ही सबसे सुरक्षित तरीका माना जा रहा है |