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नई दिल्ली: सोमवार को उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मौसम सुहाना है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक झमाझम बारिश होने के आसार हैं।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, मानसून में कम दबाव का क्षेत्र (ट्रफ लाइन) वर्तमान में मध्यप्रदेश की ओर से बंगाल की खाड़ी की ओर जा रहा है, पर साथ ही मध्यप्रदेश में ही एक लो प्रेशर सिस्टम भी बन रहा है जिसके चलते सोमवार को तराई बेल्ट और उत्तराखंड से सटे जिलों में बारिश हो सकती है।
लखनऊ के आसपास के जिलों में भी होगी बारिश

इसके अलावा मंगलवार से मानसून की ट्रफ लाइन धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रही है जिसके चलते लखनऊ और आसपास के जिलों समेत मध्य यूपी और उत्तराखंड से सटे जिलों में मंगलवार के बाद और प्रदेशभर में धीरे-धीरे झमाझम बारिश के आसार हैं।

मंगलवार से हमीरपुर, इटावा से होते हुए रामपुर, मुरादाबाद और बिजनौर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य के जिलों में भारी बारिश के लिए चेतावनी भी जारी की गई है। साथ ही तापमान में भी दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज होगी।

रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेशभर में बादलों की आवाजाही का दौर चलता रहा। सर्वाधिक तापमान हरदोई और प्रयागराज में 36.5 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी एक से दो डिग्री तक की बढ़त दर्ज की गई है।

सोनभद्र में रहा सबसे कम तापमान

प्रदेश में सबसे कम तापमान सोनभद्र के चुर्क में 25.5 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार को लखनऊ और आसपास के जिलों में बादलों की आवाजाही के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की गई है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया जा सकता है।

पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसान परेशान

श्रावण माह खत्म होने के है, लेकिन पूरे क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बरसात नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। बारिश नहीं होने से किसानों सहित व्यापारी, आमजन सभी परेशान हैं। क्षेत्र में सूखे की स्थिति हो गई है।

तेज धूप से किसान काफी परेशान हैं। कुछ समय पहले छिटपुट बरसात होने से धान की रोपाई तो किसानों ने एक डेढ माह पहले ही कर ली, लेकिन तेज धूप से खेतों में पानी नहीं टिक पा रहा हैं।

कुछ दिनों तक पानी के सूख जाने पर धान की फसलें पीला पड़ने लगती हैं। खेतों मे पानी नहीं होने से धान में तरह-तरह के रोग लगने शुरु हो गए हैं। किसान सडकों के किनारे या गडहीयो गड्ढे मे भरे पानी को इंजन के द्वारा पाइपलाइन से पानी लेकर अपनी फसल बचाने मे जुटे हैं।