सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो उत्तराखंड की पहली ई-कैबिनेट आगामी नवंबर माह के पहले पखवाड़े में होगी। ऐसा होने के साथ ही राज्य सरकार का बड़ा कामकाज पेपरलेस हो जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ चुकी राज्य सरकार का पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने की दिशा में यह अहम कदम होगा।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ई-कैबिनेट के लिए एनआइसी के तय मानकों के मुताबिक उपकरणों की खरीद, ई-ऑफिस को सुचारू क्रियान्वित करने और सचिवालय और शासन स्तर पर स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य पूरा करने के निर्देश संबंधित आला अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों व प्रशासकीय विभागों के आला अधिकारियों के लिए कुल 24 टू-इन वन लैपटॉप खरीदे जाएंगे।

ई-कैबिनेट को लेकर सरकार गंभीर है। बीती 20 सितंबर को मंत्रिमंडल की बैठक में ई-कैबिनेट के फैसले को मंजूरी दी गई थी। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि ई-कैबिनेट की दिशा में केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है। ई-कैबिनेट लागू करने की कड़ी में ई-ऑफिस पर बेहतर तरीके से अमल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सचिवालय में इस संबंध में पेश आ रही दिक्कत दूर की गई है। डाटा सेंटर बन चुका है। कोर्ट केस की मॉनीटरिंग को कहा गया है। साथ ही ई-कैबिनेट के लिए तमाम उपकरणों की जरूरत को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक में भी सभी सचिवों को इस संबंध में निर्देश दिए गए। जरूरी उपकरणों की खरीद के निर्देश इससे पहले बीती सात अक्टूबर को गोपन सचिव की अध्यक्षता में ई-कैबिनेट लागू करने को संसाधनों की व्यवस्था पर विस्तार से मंथन किया गया था।

यह तय किया गया कि सर्वर, वैब वर्चुअल मशीन, डाटाबेस मशीन, एमएस विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम, न्यूनतम पांच ऑल इन वन पीसी, मल्टी फंक्शन प्रिंटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद की जाएगी। साथ ही सचिवालय के अनुभाग अधिकारी से लेकर अपर सचिव तक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मंत्रियों व राज्यमंत्रियों और उनके स्टाफ को भी प्रशिक्षण देंगे। मुख्य सचिव ने बताया कि ई-कैबिनेट नवंबर माह के पहले पखवाड़े में आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है।