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Heath: प्रेग्नेंसी में लो ब्लड प्रेशर होना आम बात है। कई बार लो बीपी के कारण कोई बड़ी परेशानी नहीं होती है और डिलीवरी के बाद बीपी अपने आप ही नॉर्मल रेंज में आ जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में लो बीपी मां और शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। तो चलिए जानते हैं प्रेग्नेंसी में बीपी लो होने के कारण और ऐसे में क्या करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर क्या है?
हृदय के पंप होने पर रक्त धमनियों की दीवारों पर खून के दबाव या तेजी को ब्लड प्रेशर कहते हैं। लो बीपी और गर्भावस्था की बात करें तो इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण परिसंचरण तंत्र में रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।
लो ब्लड प्रेशर कितना होता है?
अगर ब्लड प्रेशर की रीडिंग 90 एमएमएचजी/60 एमएमएचजी या इससे कम हो तो इस रीडिंग को लो माना जाता है। नॉर्मल ब्लड प्रेशर की रेंज 120 एमएमएचजी/80एमएमएचजी होती है।
प्रेग्नेंसी में कब होता है बीपी लो?
गर्भावस्था की शुरुआत में बीपी का स्तर गिर सकता है और प्रेग्नेंसी की लगभग दूसरे चरण के मध्य में सबसे नीचे आ सकता है। ब्लड प्रेशर की रीडिंग प्रेग्नेंसी में बहुत जरूरी होती है क्योंकि इससे शिशु की सेहत का पता चलता है। प्रेग्नेंसी के 24वे सप्ताह तक बीपी लो रह सकता है।
गर्भावस्था में बीपी लो के लक्षण
गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर लो हो जाए तो उसे चक्कर आने, सिर चकराने (खासतौर पर खड़े होने पर), बेहोशी, मतली, धुंधला दिखना, अधिक प्यास लगना, त्वचा पीली या ठंडी पडऩा, गहरी सांस फूलना और ध्यान लगाने में दिक्कत हो सकती है। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान ऐसे लो ब्लड प्रेशर के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
लो ब्लड प्रेशर का प्रभाव शिशु पर
कुछ अध्ययनों की मानें तो प्रेग्नेंसी में लो ब्लड प्रेशर के कारण मृत शिशु का जन्म और जन्म के समय शिशु के वजन कम होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। वैसे इस संदर्भ में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
लो ब्लड प्रेशर का इलाज
गर्भावस्था में लो ब्लड प्रेशर के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि किसी गंभीर समस्या का खतरा होने की स्थिति में ही लो बीपी के लिए गर्भवती महिला को दवा लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि, जीवनैशली में कुछ बदलाव लाकर जैसे कि व्यायाम की मदद से, उठने या लेटने पर सावधानी बरतने और खड़े होने से पहले एडियों और पैरों को स्ट्रेच करने से रक्त के प्रवाह को संतुलित रखा जा सकता है।
गर्भावस्था में लो बीपी में क्या करें
अगर आपको प्रेग्नेंसी में लो बीपी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दें :
*तेजी से उठने या लेटने से बचें
*लंबे समय तक खड़ी न रहें
*दिनभर में थोड़ा-थोड़ा खाना या स्नैक्स खाती रहें
*ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें
*पर्याप्ता मात्रा में पानी पीं
*ढीले कपड़े पहनें
*संतुलित आहार और गर्भावस्था में जरूरी सप्लीमेंट की मदद से भी लो बीपी के लक्षणों को रोका जा सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
गर्भावस्था के दौरान लो ब्लड प्रेशर के कारण गंभीर लक्षण जैसे कि तेज सिरदर्द, आंखों से धुंधला दिखना, कमजोरी, शरीर के एक तरफ सुन्नता और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर गर्भवती महिला को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डिलीवरी के बाद लो बीपी
आपका ब्लड प्रेशर डिलीवरी के बाद अपने आप ही नॉर्मल रेंज में आ जाना चाहिए। डॉक्टर डिलीवरी के कुछ घंटे और दिनों बाद बीपी चेक करते हैं। इसके बाद भी चेकअप करवाने जाने पर डॉक्टर बीपी जरूर देखते हैं।