-RK Sinha
आज 12 मई 2020 अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) है। इस दिवस को इसके संस्थापक ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्होंने नर्सिंग जैसी नोबल सेवा की शुरूआत की। उन्हें “लेडी विद द लैंप” (Lady With the Lamp) भी कहा जाता है क्योंकि वह रात के वक्त भी सैनिकों का इलाज किया करती थीं। वर्ष 1860 में नाइटिंगेल ने लंदन में सेंट थॉमस अस्पताल में नर्सिंग स्कूल की स्थापना की और इस प्रकार पेशेवर नर्सिंग की नींव पड़ी। नई नर्सों द्वारा अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत ‘नाइटिंगेल प्लेज’ ली जाती है और किसी नर्स के लिए ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल मेडल’ पाना प्रतिष्ठा की बात है। वैसे तो नर्सेज विश्वभर में बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए दिन-रात काम करती हैं, उनकी हर तरह से देखभाल करती हैं, परंतु आज विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा है, इस दौर में उनकी भूमिका बहुत बड़ी हो गई है, अपने परिवारों से दूर, सीमित साधनों में नि:स्वार्थ भाव से वे मानवता की सेवा के लिए तत्पर हैं। आज उनके सम्मान का दिवस है। उनके इस सेवा भाव और बलिदान को मेरा कोटि कोटि नमन।