यातायात नियम उल्लंघन मामले में लगाए गए भारी जुर्माना लगाए जाने पर पहली बार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया है। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों सरकार ने भारी जुर्माना लगाया है। इसके पीछे सरकार की मंशा क्या थी। इसे लेकर उन्होंने बताया कि सरकार की ऐसी कोई इच्छा नहीं थी कि जुर्माने की सीमा को बढ़ाया जाए। इसके पीछे इरादा ये था कि ऐसा समय आए कि किसी को दंडित ना किया जाए और सभी लोग नियमों का पालन करें।

गडकरी ने आगे कहा कि पैसे से ज्यादा लोगों की जान की ज्यादा कीमत है। मालूम हो की यातायात नियम उल्लंघन मामले में जुर्माने की राशि में 10 गुना बढ़ोतरी की गई है। जबसे सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना लगाना शुरू किया है तब से कई लोगों का भारी चालान काटा गया है।

गडकरी ने बताया कि मोटर व्हीकल संशोधन कानून को 20 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की समिति जिसमें 7 अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की सरकारें थी, की सिफारिशों के आधार पर ही इसे तैयार किया गया और लागू किया गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त समिति और स्थाई समिति से भी सुझाव मांगे गए हैं। उन्होंने कहा कि देश मे 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है जिसमें से डेढ़ लाख मामलों में मौतें हो जाती हैं। 18 से 35 आयु के 60 फीसदी लोग इस दौरान अपनी जान गंवा दे देते है। क्या इनकी जान नहीं बचानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ऐसी मंशा नहीं है का भारी जुर्माना लगाया जाए, लेकिन लोग ऐसी नौबत ही ना आने दे कि जुर्माना लगे।

केंद्र सरकार ने दे रखी है राज्यों को छूट
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्यों को छूट दे रखी है कि वह संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने करने या न करने अथवा इसमें जुर्माने के प्रावधानों पर फैसला ले सकते हैं। एक सितंबर से पूरे देश में ये नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया है। लेकिन, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और पश्चिम बंगाल ने इसे अपने राज्ये में लागू करने से साफ इनकार कर दिया है।